1 मई से प्रारंभ हो रहा है जेठ का महीना जाने इसका महत्‍व और प्रमुख व्रत त्‍योहार - Danik Guruji Technology Experts

Post Top Ad

1 मई से प्रारंभ हो रहा है जेठ का महीना जाने इसका महत्‍व और प्रमुख व्रत त्‍योहार

Share This

1 मई 2018 से हिंदु माह का तीसरा महीना ज्‍येष्‍ठ आरंभ हो रहा है। आइये आपको बतायें इस माह का महत्‍व और इसमें पड़ने वाले प्रमुख व्रत एवम् त्‍योहारों के बारे में।

ज्‍येष्‍ठ माह का महत्‍व और नाम का आधार

हिंदू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ या फिर जेठ का महीना चंद्र मास का तीसरा माह होता है जो चैत्र और वैशाख के बाद आता है। चंद्र मास के सभी माह नक्षत्रों के नाम पर होते हैं, जेठ का महीना ज्‍येष्‍ठा नक्षत्र के नाम पर आधारित है। वैसे तो गर्मियों की शुरूआत फाल्गुन मास के खत्‍म होते होते शुरू हो जाती हैं, पर जब ज्येष्ठ का आरंभ होता है तो गर्मी अपने शिखर पर पहुंच जाती है। इसलिये पंडितों ने ज्येष्ठ में जल का महत्व बहुत अधिक माना है और जल से जुड़े व्रत और त्यौहार इसी महीने में मनाये जाते हैं। इस बार ये माह 1 मई से प्रारंभ हो रहा है आइये जल के महत्व को समर्पित इस महीने के व्रत व त्यौहारों के के बारे में जानते हैं।

ये हैं प्रमुख त्‍योहार और उनकी तिथियां

हालाकि ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में कोई विशेष पर्व नहीं होता है लेकिन शुक्ल पक्ष में जल के महत्व को बताने वाले दो महत्वपूर्ण त्‍योहार गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी के साथ कुछ प्रमुख पर्व पड़ते हैं।  

1- अपरा एकादशी 

ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा होती है। इस बार अपरा एकादशी 22 मई को है।

2- ज्येष्ठ अमावस्या

ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि पूर्वजों की शांति के लिये बहुत ही शुभ मानी जाती है। साथ ही इसी दिन शनिदेव की जयंती मनाई जाती है और वट सावित्री का व्रत भी रखा जाता है। ज्येष्ठ अमावस्या 15 मई को है।

3- गंगा दशहरा

गंगा दशहरा मां गंगा के महत्व को बतलाता और जल के सरंक्षण का संदेश देता है। ये इस महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। यह पर्व 3 जून को है।

4- निर्जला एकादशी

गंगा दशहरा के अगले दिन निर्जला एकादशी होती है इस दिन बिना अन्‍न जल के कठोर व्रत रखा जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को रखा जाता है। इस बार निर्जला एकादशी का उपवास 5 जून को है क्‍योंकि 4 जून उदिया तिथि में दशमी रहेगी। 

5- ज्येष्ठ पूर्णिमा, वट पूर्णिमा व्रत और कबीरदास जयंती

वट पूर्णिमा व्रत, वट सावित्री व्रत की तरह ही होता है। यह व्रत मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के राज्यों में मनाया जाता है। वट पर्णिमा का व्रत 8 जून को रखा जायेगा। हालांकि उत्तर भारत में ज्येष्ठ पूर्णिमा 9 जून को मनाई जायेगी। इसी दिन संत कबीरदास जी की जयंती भी मनाई जाती है।

Like us on Facebook


No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages