हर शनिवार को शनिदेव की पूजा होती है। इस पूजा और व्रत से शनि प्रसन्न होते हैं और जीवन से सारे संकट दूर कर देते हैं, बस आप 5 बातों का ध्यान अवश्य रखें।
कैसे करें शनि की पूजा
प्रात: स्नान आदि से शुद्ध हो कर शनि देव का स्मरण करें और किसी शनि मंदिर में ही देव का पूजन करें। शनि की पूजा के लिए ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: इस मंत्र का जाप करते हुए शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ायें। काले तिल अर्पित करें और भोग लगायें। इसके बाद पीपल के पेड़ पर दिया जलाते हुए उसकी परिक्रमा करें। शनि पूजा के बाद हनुमान जी की भी पूजा करें तो शनिदेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
यदि संभव हो तो व्रत करें
शनिवार को शनिदेव का व्रत करने से भी शनि ढैय्या और साढ़े साती का प्रकोप कम होता है। पर ये व्रत तभी करें जब आप पूरे नियमों का पालन कर पायें। शनि देव सहज क्रुद्ध होने वाले देव हैं अत: उनको रुष्ट होने का मौका ना दें। शनि के व्रत में शुद्धता से रहें। शनि की कहानी सुने। तिल का तेल और काला उड़द दान करे। क्षमता के अनुसार ब्राह्मणों को भोजन कराकर लौह वस्तु धन आदि का दान अवश्य करें। दिन में एक बार ही भोजन करें।
ध्यान रखें ये पांच बातें
1- घर पर शनिदेव की मूर्ति रखना वर्जित है। अत मंदिर में ही पूजा करें, या फिर मन में ही स्मरण करके उनकी पूजा करें।
2- प्लास्टिक या अन्य किसी धातु के बर्तन से तेल चढ़ाने से बचें। सबसे अच्छा तरीका यह है कि शनि देव को लोहे के बर्तन में तेल लेकर उन पर चढ़ायें।
3- शनिदेव को तेल चढ़ाते वक्त सबसे महत्वपूर्ण बात कि तेल चढ़ाने से पहले तेल में अपना चेहरा देखें।
4- शनिदेव को तेल के साथ ही तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी भेंट करें।
5- शनिवार को पूजा के दौरान शनि मंत्र या फिर शनि चालीसा का जाप करे। इसके बाद हनुमान जी की पूजा भी करें।
By
Dainik Guruji
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