आजकल बच्चे घर पर बना खाना कम ही खाते हैं। पिज़्ज़ा, बर्गर, स्नेक्स आदि ही उन्हे भाते हैं। - Danik Guruji Technology Experts

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आजकल बच्चे घर पर बना खाना कम ही खाते हैं। पिज़्ज़ा, बर्गर, स्नेक्स आदि ही उन्हे भाते हैं।

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आजकल बच्चे घर पर बना खाना कम ही खाते हैं। पिज़्ज़ा, बर्गर, स्नेक्स आदि ही उन्हे भाते हैं। ऐसे में आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप निगरानी रखें कि आपके बच्चे क्या खा रहे हैं? इसकी जानकारी आपको होनी चाहिए। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में जो सेहत के लिए खराब हैं। अगर आपका बच्चा उसका सेवन करता है तो तुरंत ही उसकी आदत बदलें |
फ्रेंच फ्राइज़
फास्ट फूड की जो बाढ़ आई है उसमें सबसे पुराना और लुभावना है फ्रेंच फ्राइज़। यह आलू का बना होता है और बच्चों की टेस्ट बड्स से इसका पुराना नाता है। फ्रेंच फ्राइज़ सिर्फ अनहेल्दी ही नहीं होती बल्की इसमें ट्रांस वसा और बहुत सी कैलोरी होती है। इसके साथ सबसे बड़ी दिक्कत है कि बच्चे एक ही बार में बहुत ज्यादा काते हैं।ज्यादा आलू खाने से बच्चे दूसरी सब्जियों के लिए टेस्ट डेवलप नहीं कर पाते हैं, फिर उन्हे कितना ही सब्जियां खिलाने की कोशिश कर लो वे नहीं खाएंगे। बच्चों की इस आदत पर लगाम लगाने के लिए उन्हे एकदम मना ना करें। धीरे-धीरे उनका बाहर खाना कम करवाएं। उन्हे घर पर फ्रेंच फ्राइज़ बना कर दें जिसमे आलू के साथ स्वीट पोटेटो भी हो, जो बच्चों को फाइबर, विटामिन सी और पोटेशियम जैसे मिनरल देगा।
सॉफ्ट ड्रिंक्स
बच्चे के बढ़ते शरीर के लिए सोडा, सॉफ्ट ड्रिंक्स सही नहीं हैं। लेकिन दुख की बात है कि आजकल बच्चों के लिए इसे पीना आदत बन गई है। सोडा या कोला पीना 'टाइप 2 डाइबिटीज़' और मोटापे को निमंत्रण देता है। और जो इन बिमारियों से ग्रस्त हो जाता है उसे पूरा जीवन इनके साथ बिताना पड़ता है। ये दोनों बिमारियां और भी मुश्किलों को न्योता देती हैं। पहले तो ये बिमारियां बुढ़ापे में होती थी लेकिन अब बच्चों को भी होने लगी हैं। सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से दांतों में कैविटी, उनका जल्दी टूटना, ब्लीडिंग गम, दांतों में दर्द जैसी कई बिमारियां हो जाती हैं। सॉफ्ट ड्रिंक्स की जगह उन्हे फलों का जूस बना कर दें। ये हेल्दी भी होता है और टेस्टी भी। इसी के साथ उनको दूध पीने के लिए भी प्रोत्साहित करें क्योंकि उसमें प्रोटीन होता है।
नूडल्स
नूडल्स बच्चों का बहुत पसन्दीदा स्नेक्स है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा की नूडल्स में नूट्रीअन्ट्स के नाम पर कुछ नहीं होता है। पास्ता भी इसी श्रेणी में आते हैं। इन्हे खाने से बच्चे को कोई पोषक तत्व नहीं मिलते हैं बल्कि वह बचपन से ही मोटापा, अस्थमा, थायराइड, डाइबीटीज़ जैसी समस्याओं से घिर जाता है।
माइक्रोवेव में पका खाना
माइक्रोवेव में खाना जल्दी तो बन जाता है लेकिन इसमें एक PFOA नाम का केमिकल होता है जो आग नहीं पकड़ता है। यह अच्छी बात है लेकिन यही PFOA केमिकल कैंसर, थायराइड, सेक्शूअल डीसिज़ेज़ और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों को उभरने का मौका देता है। माइक्रोवेव की जगह ओवन या कुकर में खाना बनाएं।
प्रोसेस्ड फूड
प्रोसेस्ड फूड का सेवन ना के बराबर करना चाहिए। इनमें फैट, नाइट्रेट और सोडियम की बहुत ज्यादा मात्रा होती है। बच्चों के लिए इन्हे पचा पाना मुश्किल होता है। जब बच्चे इसका बहुत ज्यादा सेवन करते हैं तो अन डाइजेस्टेड फैट जमा होता जाता है और ब्ल्ड वेसल्स को ब्लॉक करने लगता है जिससे हृदय रोग, डाइबीटीज़ और पेट के कैंसर जैसी बिमारियां विकसित होने लगती है और बच्चे खतरे के घेरे में आ जाते हैं। इसलिए उन्हे हमेशा ताज़ा बना खाना खिलाएं और घर में ही इतनी वेराइटी दें कि वे बाहर का खाना खाएं ही ना।
विशेष अवसरों पर इन्हे खा सकते हैं लेकिन इन्हे नियमित रूप खाना और अगर आप अपने रसोई घर में इन्हे पर्मानेंट जगह दे चुके हैं तो सावधान हो जाइए। ये चीज़े आपके बच्चे की दुश्मन हैं।
By
Danik Guruji
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