पंडित बता रहे हैं कि गंगा दशहरा मलमास में पड़ने का संयोग अत्याधिक लाभप्रद है। साथ ही इस दिन पवित्र नदी में स्नान से मिलती है 10 पापों से मुक्ति।
इस दिन है गंगा दशहरा
जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस वर्ष ये पर्व 24 मई को पड़ रहा है। ये पर्व भारत में अलग अलग तरीकों से क्षेत्रों की परंपरा के अनुसार मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। जेठ की इस दसवीं तिथि को संवत्सर का मुख भी माना जाता है।इसीलिए इस दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना आदि में स्नान, दान और उपवास का विशेष महत्व होता है।
10 पापों का अंत
इसी दिन त्रेता युग में महाराज सगर के 60 हजार पुत्रों को मुक्ति देने के लिए भागीरथ के आवहन पर गंगा धरती पर आई थीं। ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि ये दिन मानव के 10 पापों को हरने वाला होता है इसलिए भी इसे दशहरा कहते हैं। इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करें और निम्नलिखित 10 पापों से दूर होने का संकल्प करें।
1- बिना आज्ञा के किसी की कोई वस्तु लेना।
2- हिंसा करना।
3- पर स्त्रीगमन।
4- कटु बोलना।
5- झूठ बोलना।
6- बुराई करना।
7- निष्प्रयोजन बातें करना।
8- किसी के साथ अन्याय करना।
9- किसी का अनिष्ट करना।
10- नास्तिक होना।
विशिष्ट है इस बार का गंगा दशहरा
धर्म सिंह में बताये गए एक श्लोक के अनुसार मलमास में पड़ने वाले गंगा दशहरा का अत्यंत महत्व होता है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से विशिष्ट लाभ प्राप्त होता है। इस दिन में पवित्र नदी में स्नान करने के साथ गंगा नदी का स्मरण करके पूजन करें। नदी को पुष्पांजली दें। इसके साथ ही भागीरथ और हिमालय का भी स्मरण करके पूजा करें। 10 मुठ्ठी अनाज और अन्य वस्तुयें 10 ब्राह्मणों को दान करें। इस दिन सत्तु के दान का भी विशेष महत्व है।
By Dainik Guruji
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